Priyanka Verma

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लेखनी प्रतियोगिता - झील सी आंखे.. ( हास्य)

झील सी आंखे... (हास्य)


तेरी झील सी आंखों में,
डूबने को जी चाहता है,
मगर क्या करूं,
झील के ठंडे पानी को देख,
मन बहुत घबराता है,

कड़कड़ाती सर्दी में अब,
कुछ समझ ना आता है,
रजाई से बाहर निकलते ही,
शरीर सुन्न हो जाता है,

छोड़ दिया अब
प्यार में डूबने का इरादा,

क्योंकि,अलाव के सहारे,
अब गुजारा होता है।।

प्रियंका वर्मा
20/12/23

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6 Comments

बेहतरीन

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Amit Ratta

20-Dec-2023 12:50 PM

Nice

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Sushi saxena

20-Dec-2023 12:03 PM

Nice one

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